अगले दो सालों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों में करीब 80 हजार नियुक्तियां संभावित हैं. अगले दो सालों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से यह रिक्तियां होंगी.
सूत्रों के अनुसार चालू और अगले वित्त वर्ष में 78,800 कर्मचारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से रिटायर हो रहे हैं.
चालू वित्त वर्ष में 39,756 कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं. इसमें 19,065 अधिकारी और 14,669 क्लर्क स्तर के कर्मचारी हैं. इनके अलावा 6,022 अन्य विभागीय कर्मचारी भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
एसबीआई, आईडीबीरआई और भारतीय महिला बैंक सहित देश में 22 सरकारी बैंक हैं. इनके अलावा एसबीआई के पांच सहायक बैंक भी हैं.
इतने बड़े पैमाने पर रिक्तियों को भरने के लिए सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में विशेष सहूलियत देने पर विचार कर रही है. हालांकि इसमें कुछ अड़चनों का जिक्र भी सरकार की ओर किया जा रहा है.
पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंक कैंपस सेलेक्शन के लिए तत्पर हैं, लेकिन कुछ कानूनी अड़चनें इस राह में आ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हूए जेटली ने कहा कि इस फैसले के बाद जो भी जरूरी अधिकार कैंपस सेलेक्शन में चाहिए वह सरकारी बैंकों के पास नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कानूनी सलाह ले रही है, पर अभी हम ऐसा करने में असमर्थ हैं.
Click Here to view Source
सूत्रों के अनुसार चालू और अगले वित्त वर्ष में 78,800 कर्मचारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से रिटायर हो रहे हैं.
चालू वित्त वर्ष में 39,756 कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं. इसमें 19,065 अधिकारी और 14,669 क्लर्क स्तर के कर्मचारी हैं. इनके अलावा 6,022 अन्य विभागीय कर्मचारी भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
एसबीआई, आईडीबीरआई और भारतीय महिला बैंक सहित देश में 22 सरकारी बैंक हैं. इनके अलावा एसबीआई के पांच सहायक बैंक भी हैं.
इतने बड़े पैमाने पर रिक्तियों को भरने के लिए सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में विशेष सहूलियत देने पर विचार कर रही है. हालांकि इसमें कुछ अड़चनों का जिक्र भी सरकार की ओर किया जा रहा है.
पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंक कैंपस सेलेक्शन के लिए तत्पर हैं, लेकिन कुछ कानूनी अड़चनें इस राह में आ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हूए जेटली ने कहा कि इस फैसले के बाद जो भी जरूरी अधिकार कैंपस सेलेक्शन में चाहिए वह सरकारी बैंकों के पास नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कानूनी सलाह ले रही है, पर अभी हम ऐसा करने में असमर्थ हैं.
Click Here to view Source
अगले दो सालों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों में करीब 80 हजार नियुक्तियां संभावित हैं. अगले दो सालों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से यह रिक्तियां होंगी.
सूत्रों के अनुसार चालू और अगले वित्त वर्ष में 78,800 कर्मचारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से रिटायर हो रहे हैं.
चालू वित्त वर्ष में 39,756 कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं. इसमें 19,065 अधिकारी और 14,669 क्लर्क स्तर के कर्मचारी हैं. इनके अलावा 6,022 अन्य विभागीय कर्मचारी भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
एसबीआई, आईडीबीरआई और भारतीय महिला बैंक सहित देश में 22 सरकारी बैंक हैं. इनके अलावा एसबीआई के पांच सहायक बैंक भी हैं.
इतने बड़े पैमाने पर रिक्तियों को भरने के लिए सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में विशेष सहूलियत देने पर विचार कर रही है. हालांकि इसमें कुछ अड़चनों का जिक्र भी सरकार की ओर किया जा रहा है.
पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंक कैंपस सेलेक्शन के लिए तत्पर हैं, लेकिन कुछ कानूनी अड़चनें इस राह में आ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हूए जेटली ने कहा कि इस फैसले के बाद जो भी जरूरी अधिकार कैंपस सेलेक्शन में चाहिए वह सरकारी बैंकों के पास नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कानूनी सलाह ले रही है, पर अभी हम ऐसा करने में असमर्थ हैं.
Click Here to view Source
सूत्रों के अनुसार चालू और अगले वित्त वर्ष में 78,800 कर्मचारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से रिटायर हो रहे हैं.
चालू वित्त वर्ष में 39,756 कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं. इसमें 19,065 अधिकारी और 14,669 क्लर्क स्तर के कर्मचारी हैं. इनके अलावा 6,022 अन्य विभागीय कर्मचारी भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
एसबीआई, आईडीबीरआई और भारतीय महिला बैंक सहित देश में 22 सरकारी बैंक हैं. इनके अलावा एसबीआई के पांच सहायक बैंक भी हैं.
इतने बड़े पैमाने पर रिक्तियों को भरने के लिए सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में विशेष सहूलियत देने पर विचार कर रही है. हालांकि इसमें कुछ अड़चनों का जिक्र भी सरकार की ओर किया जा रहा है.
पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंक कैंपस सेलेक्शन के लिए तत्पर हैं, लेकिन कुछ कानूनी अड़चनें इस राह में आ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हूए जेटली ने कहा कि इस फैसले के बाद जो भी जरूरी अधिकार कैंपस सेलेक्शन में चाहिए वह सरकारी बैंकों के पास नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कानूनी सलाह ले रही है, पर अभी हम ऐसा करने में असमर्थ हैं.
Click Here to view Source
No comments:
Post a Comment